Operation Sindoor: पहलगाम में नरसंहार का बदला


Operation Sindoor: भारत ने 6-7 मई 2025 की रात को पाकिस्तान और POK में मौजूद आतंकी ठिकानों के खिलाफ एक सटीक और तीव्र हवाई अभियान “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में किया गया, जिसमें 26 हिंदू तीर्थयात्रियों और 1 नेपाली नागरिक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।


इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन “प्रतिरोध मोर्चा” ने ली थी।


भारतीय वायुसेना का सटीक वार

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया। ये विमान SCALP क्रूज़ मिसाइल और AASM हैमर बमों से लैस थे। 23 मिनट तक चले इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद, कोटली और बहावलपुर जैसे इलाकों में कुल 24 एयरस्ट्राइक की गईं।


भारतीय रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह हमला केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया गया था, और इसमें किसी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा।


पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और आरोप

पाकिस्तानी सरकार ने भारत पर आरोप लगाया कि उसके हमलों में मस्जिदों और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया, जिससे 26 पाकिस्तानी नागरिकों की मौत हो गई।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने इसे “युद्ध की कार्रवाई” करार देते हुए जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में जवाबी कार्रवाई के आदेश दिए। पाकिस्तानी मिसाइल और तोपखाने की गोलाबारी में भारत के अनुसार 3 नागरिकों की मौत हुई।


पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि उसने भारत के एक राफेल, मिग-29, सुखोई-30 और एक ड्रोन को मार गिराया, जिसे भारत सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया।


कूटनीतिक मोर्चे पर भारत का आक्रामक रुख

इस ऑपरेशन के बाद भारत ने पाकिस्तान के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया, वीजा सेवाएँ स्थगित कर दीं और सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। यह भारत का अब तक का सबसे कड़ा राजनयिक रुख माना जा रहा है।


क्या रही अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ


  • इज़राइल ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का खुले तौर पर समर्थन किया।
  • वहीं, संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस, चीन और अन्य वैश्विक शक्तियों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है ताकि क्षेत्र में युद्ध जैसी स्थिति से बचा जा सके।

ऑपरेशन सिंदूर न केवल भारत की सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन है, बल्कि यह आतंकवाद के खिलाफ उसकी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का स्पष्ट संकेत भी है। हालांकि, भारत-पाक संबंधों में यह एक नया मोड़ ले चुका है, जिससे क्षेत्रीय तनाव चरम पर पहुंच गया है।


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